सपना

यह सपना है, इनकी उम्र 27 साल है जयपुर की रहने वाली हैं। क्योंकि कम उम्र में शादी हो गई थी उनकी पढ़ाई 10 वीं कक्षा तक हो गई थी। इनका ससुराल 8 लोगों को एक मध्यमवर्गीय
परिवार है, जिसमें उनके अलावा सास और जेठ, जेठानी, पति और कुल 4 बच्चे हैं। इनके यहाँ खाना सबका अलग होता है। इनकी सास का खाना पीना व् देखभाल इन्ही के साथ है।
इनके पति इक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। इनके पति का वेतन कम था जिससे घर में आर्थिक समस्याएं बनी हुई थी इसीलिए सपना यह चाहती थी कि वह भी कुछ काम करें और
अपने पति का हाथ बटाये। लेकिन कम पढ़ी-लिखी होने के कारण वह ना तो कहीं बाहर जाकर किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब कर सकती थी, ना ही संसाधनों की कमी के कारण घर में खुद का
कोई काम चला सकती था। फिर उसने अपनी सहेली से जीडीए के कोर्स के बारे में सुना।इससे ये जानकर बहुत ख़ुशी हुई की ये कोर्स निशुल्क है और यहां प्रशिक्षण के बाद नौकरी भी लगवाई
जाती है। उन्होंने केंद्र पर पंजीकरण करवाया और प्रशिक्षण पूरा किया। प्रशिक्षण के द्वौरान न सिर्फ उसको काफी कुछ सिखने को मिला बल्कि यहाँ काफी सारा व्यवहारिक ज्ञान भी मिला। यहाँ
बाकी सभी सहपाठियों के साथ रहकर इनका विश्वास काफी बढ़ गया। यहाँ पर GDA के साथ- साथ उसने कंप्यूटर, व्यवहारिक ज्ञान, जीवन कौशल और थोड़ी बहुत अंग्रेजी भी सिखाई गई ।सब
कुछ सीखने के बाद और प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद इनको OJT के लिए मणिपाल अस्पताल भेजा गया और फिर वहीँ उसकी नौकरी जीडीए स्टाफ में लग गई।इसके
बच्चे छोटे हैं इसलिए इसने रात की शिफ्ट लेना उचित समझा। जिससे रात में पति बच्चो का ध्यान रख सके। इसके लिए इनको 7000 रूपये मासिक वेतन मिलता है । अब वह घर के खर्च
में अपने पति का हाथ बटाती है
इन सबके लिए सपना ने आरपीजी, केईसी का बहुत-बहुत धन्यवाद प्रकट किया।